बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान
प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
उत्तर -
भाषा का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Language)
मनुष्य के जीवन में भाषा का विशेष महत्व है। मानव एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहने के कारण हमें अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाने तथा दूसरों के विचारों को स्वयं समझने के लिए एक उपयुक्त माध्यम की आवश्यकता होती है। भाषा इन्हीं विचारों की अभिव्यक्ति एवं अदान-प्रदान का एक सुन्दर एवं सुगम साधन है। भाषा को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न प्रकार से परिभाषित किया है, उनमें से कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
"भाषा से तात्पर्य विचारों तथा अनुभूतियों का अर्थ व्यक्त करने वाले उन सभी साधनों से है जिसमें संज्ञान या विचारों के आदान-प्रदान के सभी पक्ष, जैसे लिखना, बोलना, संकेत, चेहरे की अभिव्यक्ति हाव-भाव, मूक अभिनय एवं कला इत्यादि सम्मिलित हैं।'
"Language encompasses every means of communication in which thoughts and feelings are symbolized so as to convey meaning to others. It includes such widely differing forms of communication a writing, speaking, singing, language, facial expression, gesture pantomine and art. "
हरलॉक (Hurlock, 1978-1984)
"व्यापक अर्थों में भाषा का आशय निःसन्देह ऐसे साधन से हैं जिसके द्वारा अर्थ एवं भाव का लोगों के बीच सम्प्रेषण होता है।'
Language, in broad sense, of course, in any means, whatsoever of communicating meaning and feeling among individuals."
- एल. एच. स्टॉल्स (L. H. Stolls, 1974) उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भाषा शब्द का अर्थ बहुत ही व्यापक तथा जटिल है। विचारों तथा भावों को व्यक्त करने वाले सभी माध्यम व साधन इसमें सम्मिलित हैं। एक भाषा दूसरी भाषा से अनेक तरह से भिन्न हो सकती है, परन्तु प्रत्येक भाषा के लिए कुछ निश्चित मानदण्ड होते हैं उनका पालन करने पर ही कोई भाषा उपयोगी तथा उत्पादक मानी जाती है।
भाषा के मापदण्ड
भाषा के मापदण्डों से तात्पर्य उन विशेषताओं और लक्षणों से है जिनके आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि किसी बच्चे का भाषा विकास किस रूप में हो रहा है। निम्नलिखित मापदण्डों के आधार पर भाषा का मापन किया जा सकता है
(1) भाषा की परिपक्वता - भाषा की परिपक्वता से तात्पर्य है कि बालक शब्दों का उच्चारण ठीक से करे, सही शब्द बोले, अपनी बात को ठीक ढंग से कह सके। किसी भी बालक में भाषा की परिपक्वता एकाएक नहीं आती है जैसे बालक का विकास होता जाता है उसमें परिपक्वता आती जाती है और वह व्यक्ति बहिर्मुखी होते हैं उनमें भाषा की परिपक्वता अन्तर्मुखी व्यक्तियों की तुलना में अधिक पायी जाती है।
(2) भाषा समायोजन - भाषा समायोजन का अर्थ है कि दूसरे व्यक्ति के साथ भाषा समायोजन स्थापित करना। कुछ व्यक्ति विपरीत परिस्थितियाँ होते हुए भी भाषा का समायोजन अच्छे से कर लेते हैं। भाषा के समायोजन में बौद्धिक क्षमता का प्रभाव पड़ता है अगर बालक प्रतिभाशाली है उसका मानसिक विकास ठीक प्रकार से हो रहा है तो उसको अन्य व्यक्तियों के साथ समायोजन करने में दिक्कत महसूस नहीं होगी। इसके विपरीत जिन बच्चों की 1. Q. कम होती है, उनको भाषा समायोजन में परेशानी होती है। अधिक बुद्धि वाले बालकों का शब्द भण्डार सुन्दर वाक्य रचना की अधिक क्षमता और शुद्ध उच्चारण की समायोजन क्षमता पायी जाती है। अन्तर्मुखी व्यक्तियों की तुलना में बहिर्मुखी व्यक्तियों का भाषा समायोजन अच्छा होता है।
(3) भाषा अनुरूपता - भाषा के प्रतिमानों के अनुसार कार्य करना भाषा अनुरूपता कहलाती है। भाषा विकास के कुछ प्रतिमान होते हैं, उदाहरण के लिए नौ से 18 माह तक का बालक में भाषा बोलने की अपेक्षा चलने की इच्छा अधिक होती है जब बालक चलना अच्छी तरह सीख जाता है तब वह बोलने की ओर ध्यान देता है। इस अवस्था में भाषा का विकास तीव्र गति से होता है जब बालक को स्कूल जाना पड़ता है तब उसे स्कूल में नए शब्दों को सीखने की प्रेरणा मिलती है और अन्य बच्चों के साथ अनुरूपता स्थापित करता है। किसी व्यक्ति की भाषा अनुरूपता जितनी धनात्मक होती है उसका भाषा का विकास उतना ही अच्छा होता है।
(4.) भाषा में सरलता हो - भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। उसमें सरसता होनी चाहिए जिससे बच्चा आसानी से सीख सके। प्रारम्भ में बालक छोटे-छोटे शब्द सीखता है जैसे-जैसे उसका विकास होता है वह बड़े-बड़े शब्दों का उच्चारण करना सीख जाता है।
(5) भाषा की व्यवहारिकता - ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो व्यवहारिक हो। बच्चे के सामने कभी भी अशिष्ट शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि बच्चे को अशिष्ट शब्दों का अर्थ पता नहीं होता है लेकिन माता-पिता द्वारा कहे शब्दों को तुरन्त ग्रहण कर लेते हैं जो सुनने में बहुत खराब लगते हैं। भाषा की व्यवहारिकता के लिए बच्चे से अच्छे से बात करना चाहिए यथा उचित शिष्टाचार के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए जिससे बच्चा सुनकर इसे आसानी से ग्रहण कर लेता है।
(6) भाषा की स्पष्टता - भाषा का उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए। स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करने से बच्चे की भाषा भी स्पष्ट होती है। भाषा में जटिलता नहीं होनी चाहिए। जटिल शब्दों का प्रयोग बच्चा आसानी से सीख नहीं पाता है। भाषा का उच्चारण स्पष्ट होने से सामने वाले व्यक्ति पर इसका प्रभाव अच्छा पड़ता है।
(7) भाषा की शुद्धिकरण - भाषा शुद्ध बोलना चाहिए। व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियों को ध्यान में रखकर भाषा उच्चारित करना चाहिए क्योंकि अशुद्ध भाषा का प्रयोग करने से बच्चे भी शुद्ध शब्दों को नहीं सीख पाते हैं। प्रारम्भ से बच्चे की भाषा में अशुद्धियाँ पायी जाती हैं लेकिन जैसे-जैसे उसका भाषा का विकास होता जाता है ये अशुद्धियाँ दूर होती जाती हैं और शुद्ध भाषा का प्रयोग करना सीख जाता है। छः सात वर्ष की अवस्था में स्वरयन्त्र भी पूर्ण हो जाता है तथा बालक में अनुकरण की प्रवृत्ति भी इतनी अधिक विकसित हो जाती है कि वह शुद्ध उच्चारण द्वारा सुन्दर और शुद्ध भाषा का विकास कर सकता है।
(8) भाषा की भावभिव्यक्ति - भाषा भाव व्यक्त करने का सुन्दर माध्यम है। बालक के भाषा विकास में हाव-भाव भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। बालकों द्वारा हाव-भाव का प्रदर्शन भाषा के पूरक के रूप में किया जाता है। बच्चा अपने हावभाव का प्रदर्शन मुस्कराकर, हाथ फैलाकर, उंगली दिखाकर मूक भाषा में व्यक्त करता है। अतः बच्चों के लिए हावभाव, विचारों को अभिव्यक्त करने का सुगम साधन है। भाषा की अभिव्यक्ति प्रभावशाली होनी चाहिए। भाषा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने भाव व्यक्त कर सकते हैं और दूसरों पर अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं।
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
- प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
- प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
- प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
- प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
- प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
- प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
- प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
- प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
- प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
- प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
- प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।